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श्री के.वी. कामथ

  • अध्यक्ष
श्री के. वी. कामथ एक भारतीय बैंकर हैं, जिन्होंने 1971 में आईसीआईसीआई से  अपना कैरियर शुरू किया था. वर्ष 1988 में, वह एशियाई विकास बैंक में चले गए और 1996 में आईसीआईसीआई के प्रबंध निदेशक और सीईओ के रूप में लौटने से पहले दक्षिण पूर्व एशिया में आपने कई साल बिताए और आईसीआईसीआई बैंक में इसके विलय के बाद, आईसीआईसीआई बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ थे. आपके नेतृत्व में, आईसीआईसीआई ने स्वयं को भारत में बैंकिंग, बीमा और आस्ति  प्रबंधन में एक विविधता, प्रौद्योगिकी-संचालित वित्तीय सेवा समूह में और एक वैश्विक उपस्थिति में बदल दिया. आप वर्ष 2009 में प्रबंध निदेशक और सीईओ के रूप में सेवानिवृत्त हुए और वर्ष 2015 तक आईसीआईसीआई बैंक के अध्यक्ष बने रहे. श्री कामथ ने इंफोसिस के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है. वर्ष 2015 में आपको ब्रिक्स देशों द्वारा स्थापित न्यू डेवलपमेंट बैंक के पहले अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था, जहां से आप वर्ष 2020 में सेवानिवृत्त हुए. आप दि.14 नवंबर, 2022 से रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष हैं।
 
श्री कामथ को वर्ष 2008 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया है।
 
श्री कामथ एक मैकेनिकल इंजीनियर हैं और उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद से व्यवसाय प्रशासन में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की है।

सुश्री अरुणा सुंदरराजन

  • स्वतंत्र निदेशक
सुश्री अरुणा सुंदरराजन भारतीय प्रशासनिक सेवा की सेवानिवृत्त अधिकारी हैं.  आपने इस्पात, आईटी और दूरसंचार मंत्रालयों में भारत सरकार के सचिव के रूप में कार्य किया है और आप जुलाई 2019 में डिजिटल संचार आयोग के अध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत्त हुई हैं.  
अपने कार्यकाल के दौरान, सुश्री सुंदरराजन ने दूरसंचार और हार्डवेयर विनिर्माण, ई-गवर्नेंस, डिजिटल भुगतान, डेटा संरक्षण, साइबर सुरक्षा और तकनीकी स्टार्ट-अप्स  के डोमेन में विभिन्न महत्वपूर्ण तकनीकी नीतियों और उपक्रमों के प्रारंभ करने में अग्रणी भूमिका निभाई. आप कई महत्वपूर्ण अग्रणी कंपनियों जैसे कि डेल्हीवेरी और भारत एफआईएच, कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और डिजी वृद्धि के निदेशक बोर्ड पर है. वह विभिन्न तकनीकी सलाह और एंजेल वित्तपोषण पहल की सक्रिय सदस्य भी है।

श्री बी श्रीराम

  • स्वतंत्र निदेशक
श्री बी श्रीराम सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से भौतिकी में ऑनर्स स्नातक और मास्टर डिग्री धारक हैं. आप इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस (पूर्व में दी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकर्स), मुंबई के सर्टिफिकेटेड  एसोसिएट भी हैं. आपने इंडियन एकेडमी ऑफ इंटरनेशनल लॉ एंड डिप्लोमेसी, नई दिल्ली से इंटरनेशनल लॉ एंड डिप्लोमेसी में डिप्लोमा और ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन, नई दिल्ली से प्रबंधन में एआईएमए डिप्लोमा प्राप्त किया है।
 
श्री श्रीराम ने अपने कैरियर में विभिन्न प्रमुख कार्यकारी पदों पर कार्य किया है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
 
• आईडीबीआई बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ- दि. 30 जून, 2018 से 29 सितंबर, 2018 तक।
 
• जुलाई 2014 से जून 2018 तक भारतीय स्टेट बैंक के प्रबंध निदेशक।
 
• स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर के प्रबंध निदेशक- मार्च 2013 से जुलाई 2014 तक।
 
श्री श्रीराम के पास लगभग 37 वर्षों का बैंकिंग उद्योग का अनुभव है जिसमें उन्हें ऋण और जोखिम, खुदरा, परिचालन, आईटी, ट्रेजरी, निवेश बैंकिंग, अंतर्राष्ट्रीय परिचालन, भुगतान और निपटान प्रणाली और लघु उद्योग जैसे  विभिन्न क्षेत्रों में काम करने का मौका मिला है. 
आपने अनेक महत्वपूर्ण कार्यपालक पदों पर काम किया है, जिसमें आईडीबीआई बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का प्रबंध निदेशक पद शामिल है. आप भारतीय दिवाला और दिवालियापन बोर्ड के अंशकालिक सदस्य और ब्रिटिश इंटरनेशनल इन्वेस्टमेंट, यूके की बाहरी निवेश समिति के सदस्य हैं. 
श्री श्रीराम कई कंपनियों के बोर्ड पर स्वतंत्र निदेशक के रूप में भी कार्य करते हैं और आप कुछ सलाहकार पदों पर भी कार्य करते हैं।
 

श्री टी. एन. मनोहरन

  • स्वतंत्र निदेशक

श्री टी. एन. मनोहरन 39 वर्षों के अनुभव के साथ चार्टर्ड अकाउंटेंट (सनदी लेखाकार) हैं. आप ‘मनोहर चौधरी एंड एसोसिएट्स’ के संस्थापक हैं।

आपने  इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के अध्यक्ष, सहारा इंडिया फाइनेंस कॉरपोरेशन में निदेशक और बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण के बोर्ड के सदस्य के रूप में कार्य किया हैं. आप टेक महिंद्रा लिमिटेड, महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड और टेक महिंद्रा, अमरिका के निदेशक बोर्डों पर निदेशक तथा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के स्थायी बाहरी सलाहकार समिति पर सदस्य के रूप में  पिछले तीन सालों से अर्थात मार्च 2021 से यूनिवर्सल बैंकों और लघु फाइनैन्स बैंकों के आवेदनों के मूल्यांकन हेतु हैं. श्री मनोहरन को विभिन्न क्षेत्रों जैसे लेखा, अर्थशास्त्र और बैंकिंग, जोखिम, कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था, लघु उद्योग, वित्त, कानून, मानव संसाधन, व्यवसाय प्रबंधन प्रशासन और कॉर्पोरेट गवर्नन्स में विशेषज्ञता प्राप्त हैं और उन्हें अनेक पुरस्कारों से नवाजा गया हैं, जिसमें वर्ष 2009 में बिजनेस लीडरशिप पुरस्कार तथा इंडियन ऑफ द ईयर अवॉर्ड और 'पद्म श्री' शामिल हैं। 
 
वर्तमान में, आप आईडीबीआई बैंक लिमिटेड के अंशकालिक अध्यक्ष हैं।

डॉ. भूषण कुमार सिन्हा

  • केंद्र सरकार द्वारा नामित निदेशक (संयुक्त सचिव, वित्तीय सेवा विभाग, वित्त मंत्रालय)
डॉ. भूषण कुमार सिन्हा भारतीय वित्तीय सेवा के वर्ष 1993 की बैच से हैं. आपने नैशनल ग्रॅजुएट स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (एनजीएसएम), ऑस्ट्रेलिया से बिजनेस ऐड्मिनिस्ट्रैशन (एमबीए) में स्नातकोत्तर उपाधि के साथ ही वित्तीय अध्यापन विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय से वित्तीय अर्थविज्ञान में पी एच डी की हैं. आप दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि स्नातक भी हैं।
 
डॉ. सिन्हा ने शुरू में भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के विभिन्न विभागों में अपनी पदस्थी के दौरान वित्त से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि पूंजी बाजार, विनिवेश और पब्लिक आस्ति प्रबंधन, बैंकिंग आदि क्षेत्रों में काम किया हैं. आपने एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार में आपने अपने संयुक्त विकास कमिश्नर इस कार्यकाल दौरान एमएसएमई क्षेत्र में भी काम किया हैं।
 
जून, 2018 में वित्तीय सेवा विभाग में जॉइन करने से पूर्व डॉ. सिन्हा ने निवेश और पब्लिक आस्ति प्रबंधन (DIPAM), वित्त मंत्रालय, भारत सरकार में तीन सालों तक वित्तीय सलाहकार के रूप में काम किया है. अपने इस कार्यकाल के दौरान आप सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइसेस (CPSEs) में ‘निवेश में कुशल प्रबंधन की संकल्पना को विनिवेश-आधारित दृष्टिकोण’ के यात्रा को आसान बनाते हुए भारत सरकार रणनीति में आदर्श परिवर्तन संचालित करने में सहायक साबित हुए. निवेश और पब्लिक आस्ति प्रबंधन (DIPAM), से पूर्व डॉ. सिन्हा की वित्त मंत्रालय, भारत सरकार में निदेशक के रूप में नियुक्ति की गयी थी. 
डॉ. सिन्हा को संयुके सचिव के रूप में जून, 2018 वित्तीय सेवा विभाग में नियुक्ति दे दी गयी. वित्तीय सेवा विभाग में जॉइन करने के बाद आपने शुरुआती 41/2 सालों में भारत सरकार के हस्तक्षेपवाले वित्तीय समावेशन को ही संचालित किया. इसके अलावा आपने कृषि/ ग्रामीण ऋणों से संबंधित विशेषत: प्राथमिकता प्राप्त उधार से संबंधित केन्द्रीकृत मामलों को ज्यादा देखा. सरकार के मिशन के रूप में भारत में प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत आपने मुख्य वित्तीय समावेशन से संबंधित पहल को ज्यादा चलाया, जिसमें प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) खातों को खोलना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना(PMSBY) और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) के तहत सामाजिक सुरक्षा देना, मुद्रा और स्टैन्ड अप इंडिया जैसी भारत सरकार की फ्लैग्शिप योजनाओं का कार्यान्वयन, वित्तीय समावेशन से संबंधित आकांक्षाकृत जिलों के लक्ष्य क्षेत्र में हस्तक्षेप, डिजिटल भुगतान को बढ़ावा, सहज प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (IDBT) को सुनिश्चित करना, ‘केसीसी संतृप्ति अभियान’ और वित्तीय सशक्तिकरण के लिए वित्तीय समावेशन जैसे कैम्पेन चलाना शामिल था. 
संरचना-वित्तीय से जुड़े सभी मामलों को देख रहे हैं जिसमें विभाग की क्षेत्रीय उधार नीतियाँ/मामलें भी शामिल हैं।
 
वर्तमान में आप बैंक ऑफ इंडिया, भारतीय अवसंरचना वित्तीय कंपनी लिमिटेड (IIFCL) और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) के बोर्ड पर सरकारी नामित निदेशक के रूप में कार्य कर रहे हैं. पूर्व में आपने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (NABARD), औद्योगिक वित्तीय  कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमि.(IFCI) और माइक्रो यूनिट्स विकास और पुनर्वित्त एजेंसी (MUDRA) लिमिटेड के बोर्डों पर सरकारी मनोनीत निदेशक के रूप में कार्य किया हैं।
 

सुश्री सुमिता डावरा

  • केंद्र सरकार द्वारा नामित निदेशक (विशेष सचिव - रसद, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग)
सुश्री सुमिता डावरा 1991 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं, जिन्हें भारत और विदेशों में लोक प्रशासन में तीन दशकों से अधिक का अनुभव है. सुश्री दावरा की पोस्टिंग में भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के साथ साढ़े छह साल तक काम करना शामिल है, जिसमें भारतीय दूतावास (2008-2014) में आर्थिक विंग के प्रमुख के रूप में चीन में लगभग साढ़े तीन साल का कार्यकाल शामिल था. आपने संयुक्त राष्ट्र के साथ गवर्नन्स विशेषज्ञ (2017-2019) के रूप में भी काम किया हैं. आपको आंध्र प्रदेश (अब तेलंगाना राज्य) (2001-2004) में करीमनगर जिले के जिला कलेक्टर के रूप में तैनात किया गया था, जहां उन्हें 3.6 मिलियन लोगों की आबादी के लिए विकास कार्य के लिए उच्चतम अभिसरण बिंदु के रूप में काम करने का दुर्लभ अवसर मिला।
 
इसके बाद, शिक्षा और बाल श्रम उन्मूलन में सफल परिणामों के परिणामस्वरूप अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने अभिसरण रणनीतियों के माध्यम से बाल श्रम उन्मूलन के लिए उपयोग किए जाने वाले तरीकों और सिद्धांतों पर उनके द्वारा लिखित एक मैनुअल प्रकाशित किया।
 
सुश्री डावरा अगस्त 2019 से डीपीआईआईटी, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के साथ हैं और वर्तमान में डीपीआईआईटी में विशेष सचिव (लॉजिस्टिक्स) हैं.  डीपीआईआईटी में उनके काम और जिम्मेदारियों में लॉजिस्टिक्स, पीएम गतिशक्ति, औद्योगिक गलियारों में चल रहे काम, देश के पहले राष्ट्रीय सिंगल विंडो सिस्टम (एनएसडब्ल्यूएस) का विकास और सॉफ्ट लॉन्च, जीआईएस-सक्षम इंडिया इंडस्ट्रियल लैंड बैंक का शुभारंभ, वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) से संबंधित काम, मंत्रालयों में सभी उत्पाद से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं का अनुश्रवण, केंद्रीय स्तर पर कोविड के दौरान ऑक्सीजन प्रबंधन शामिल हैं. ये सिर्फ कुछेक  नाम बताए गए हैं।
 
उनके सार्वजनिक नीति के अनुभवों ने उन्हें कई लेख और दो सबसे अधिक बिकने वाली किताबें लिखने के लिए प्रेरित किया, अर्थात् 'करीमनगर में गरीब लेकिन साहसी : एक सिविल सेवक के फील्ड नोट्स', (हार्पर कॉलिन्स, 2012) और चीनी अर्थव्यवस्था और सार्वजनिक नीति पर एक अच्छी सम्मानित पुस्तक, जिसका शीर्षक है: 'चीन: बिहाइंड द मिरेकल', (ब्लूम्सबरी, 2015)।
आपने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ (भारत) से एमबीए और एम फिल (अर्थशास्त्र) और द स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी, बर्मिंघम विश्वविद्यालय, यूके से एमबीए (पब्लिक पॉलिसी) किया है।
 

श्री राजकिरण राय जी.

  • प्रबंध निदेशक
दि. 1 जुलाई, 2017 से 31 मई, 2022 तक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व प्रबंध निदेशक और सीईओ श्री राजकिरण रै जी को, 60 वर्ष की आयु में, तीन दशकों से अधिक का समृद्ध बैंकिंग अनुभव है, जिसमें औद्योगिक वित्त शाखा – क्षेत्रों और अंचलीय कार्यालयों का नेतृत्व करना शामिल है. 1986 में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में एक कृषि वित्त अधिकारी के रूप में अपना कैरियर शुरू करते हुए, श्री रै ने 17 से अधिक वर्षों तक देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न शाखाओं का नेतृत्व करने वाली श्रेणियों के माध्यम से आगे बढ़ते गए. महाप्रबंधक के रूप में उनकी पदोन्नति पर, उन्हें मानव संसाधन विकास विभाग का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी गई. आप जब सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के मुंबई अञ्चल के फील्ड महाप्रबंधक थे, तब आपको ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के कार्यकारी निदेशक के पद पर पदोन्नत किया गया. आप यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यू.के.) लिमिटेड के यूनियन एसेट मैनेजमेंट कंपनी, स्टार यूनियन दाई-इची लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, कॉर्पबैंक सिक्योरिटीज लिमिटेड के अध्यक्ष और एक्जिम बैंक के बोर्ड निदेशक और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड में निदेशक रह चुके हैं.  इससे पहले, आपने ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, केनरा एचएसबीसी ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के बोर्ड पर कार्य किया हैं।
 
श्री रै ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में प्रबंधन कर्मियों के लिए उपयुक्त प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रम विकसित करने पर बैंक बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी) को सलाह देने वाली समिति के प्रमुख के रूप में भी कार्य कियाहैं. श्री रै, भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के 
अध्यक्ष भी थे. आईबीए में अपनी कई जिम्मेदारियों में से, आपने  प्रबंध समिति के अध्यक्ष, मानव संसाधन और आईआर पर स्थायी समिति के अध्यक्ष और वेतन वार्ता समिति के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया हैं।
 
उपरोक्त के अलावा, श्री रै ने निम्नलिखित पदों पर कार्य किया हैं:
 
• अध्यक्ष, बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) के गवर्निंग बोर्ड।
 
• अध्यक्ष, विभिन्न अनुशासनिक मामलों को सतर्कता और गैर-सतर्कता के रूप में वर्गीकृत कर बैंकों के लिए एक समान प्रणाली का अध्ययन और सिफारिश करनेवाली समिति।
 
• अध्यक्ष, भारतीय बैंकिंग और वित्त संस्थान (आईआईबीएफ)।
 
• अध्यक्ष, बैंकर्स इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल एंड एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट (BIRED)।
 
• आंध्र प्रदेश में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) के अध्यक्ष।
 
• नाबार्ड के वित्तीय समावेशन निधि के लिए सलाहकार बोर्ड के सदस्य।
 
• बैंकर्स इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट (बर्ड) की गवर्निंग परिषद के सदस्य।
 
• भारतीय रिजर्व बैंक के जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष (डीईएएफ) के सदस्य।
 
• सदस्य, राष्ट्रीय बैंक प्रबंधन संस्थान (एनआईबीएम) के गवर्निंग बोर्ड।
 
• सदस्य, एनआईबीएम के नए निदेशक की नियुक्ति के लिए खोज समिति।
 
• सदस्य, राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्ट कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) का  निदेशक मंडल।
 
श्री रै, कृषि विज्ञान स्नातक हैं और भारतीय बैंकर संस्थान के प्रमाणित सदस्य भी हैं. एक ज्वलंत शिक्षार्थी के रूप में देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में कई कार्यकारी 
कार्यक्रमों से आपको लाभ मिला है. कई प्रतिष्ठित उद्योग पुरस्कारों और अवार्डों के विजेता, श्री रै को प्रशिक्षण और नेतृत्व विकास के माध्यम से क्षमता निर्माण के उनके विशिष्ट दृष्टिकोण हेतु विश्व मानव संसाधन विकास कांग्रेस द्वारा 'मानव संसाधन अभिविन्यास के साथ सीईओ' से सम्मानित किया गया है. आपको बैंकिंग और वित्त के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान के लिए भारतीय बैंकिंग और वित्त संस्थान (आईआईबीएफ) द्वारा मानद फैलोशिप से भी सम्मानित किया गया हैं
 

श्री बी एस वेंकटेश

  • उप प्रबंध निदेशक, मुख्य जोखिम अधिकारी
श्री बी एस वेंकटेश के पास विदेशी विनिमय, ट्रेजरी, अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग, लार्ज  कॉर्पोरेट क्रेडिट और जोखिम प्रबंधन के केन्द्रीकृत क्षेत्रों में काम करने का लगभग तीन दशकों का समृद्ध बैंकिंग अनुभव है. उन्होंने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है, जैसे कि क्षेत्रीय प्रमुख, बैंक की यूरोपीय इकाई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मुख्य संबंध अधिकारी, मुख्य जोखिम अधिकारी, आदि
 
आपने बैंक के ओवरसीज विस्तार के साथ बैंक के जोखिम प्रबंधन विभाग में उत्कृष्ठ प्रथाओं को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं. श्री बी एस वेंकटेश के पास जोखिम-कैलिब्रेटेड विकास और अनुपालना के गार्डरेल के भीतर बड़े बैंकों को संभालने का व्यापक अनुभव है. आप वित्त में एमबीए स्नातक और भारतीय बैंकर संस्थान के प्रमाणित एसोसिएट हैं. आपने आईआईएम बैंगलोर के वरिष्ठ कार्यपालकों के लिए आयोजित नेतृत्व विकास कार्यक्रम को पूरा किया है, जिसे वित्तीय सेवा संस्थान ब्यूरो (पूर्व में बैंक बोर्ड ब्यूरो) द्वारा क्यूरेट किया गया था।

सुश्री मोनिका कालिया

  • उप प्रबंध निदेशक, मुख्य वित्तीय अधिकारी
सुश्री मोनिका कालिया, बैंक ऑफ इंडिया की कार्यकारी निदेशक थीं. आपने आंतरिक लेखा परीक्षा और निरीक्षण, जोखिम प्रबंधन, साइबर सुरक्षा और धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन के विश्वास कार्यों की देखरेख करनेवाली विभिन्न भूमिकाओं को संभाला है, और आपको ट्रेजरी और अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग का अतिरिक्त अनुभव हैं. इसके अलावा, आपने ग्राहक सेवा उत्कृष्टता से संबंधित कार्यों को संभाला है जिसमें जमा बढ़ाना, ग्राहक अनुभव, परिसर, बिजनेस प्रोसेस री-इंजीनियरिंग और प्राइम क्लाइंट्स केयर शामिल हैं।
बैंक ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यभार संभालने से पहले, आपने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ कॉर्पोरेट कार्यालय और फील्ड बैंकिंग में 360 डिग्री का व्यापक अनुभव लिया था. आपने बैंकों के समामेलन के महत्वपूर्ण समय में गुजरात राज्य के अंचलीय प्रमुख और वित्तीय योजना और निवेशक संबंधों के रूप में अन्य महत्वपूर्ण विभागों का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया है. (ड्यू डिलिजन्स करने और शेयर स्वैप अनुपात तय करने के लिए जिम्मेदार) और विमुद्रीकरण के चरण के दौरान (शाखा परिचालन और मुद्रा तिजोरी प्रबंधन, ग्राहक सेवा और कासा को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार). इसके अलावा, आपने खुदरा ऋण, विपणन और तृतीय-पक्ष उत्पाद वितरण, कॉर्पोरेट कम्यूनिकेशन, अनुपालना और बोर्ड सचिवालय तथा लेखा कराधान का भी नेतृत्व किया है. अपनी 27 वर्षों से अधिक की व्यावसायिक यात्रा के दौरान आपने मुख्य वित्तीय अधिकारी, मुख्य शिकायत अधिकारी, मुख्य अनुपालन अधिकारी और कंपनी सचिव, अध्यक्ष-यौन उत्पीड़न समिति और यूनियन बैंक सोशल फाउंडेशन के प्रबंध ट्रस्टी के रूप में विभिन्न क्षमताओं में समय समय पर आरबीआई / सेबी / वित्त मंत्रालय के साथ बातचीत करने के लिए बैंक की ओर से प्रमुख प्रबंधकीय कर्मी भी रहीं।
 
आपने आईबीए, एसएलबीसी और आरबीआई के विभिन्न उद्योग स्तरों और नियामक मंचों पर बैंक का प्रतिनिधित्व भी किया है. आप यूनियन बैंक के दो संयुक्त उद्यमों अर्थात स्टार यूनियन दाई-इची लाइफ इंश्योरेंस और यूनियन एसेट मैनेजमेंट ट्रस्टी कंपनी के बोर्ड पर निदेशक भी रही हैं।
 
आपने  विभिन्न पुरस्कार प्राप्त किए हैं, वर्ष 2019 में ग्लोबल वीमेन अचीवर अवार्ड, वर्ष 2020 में एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल वेल्थ मैनेजमेंट ऑफ इंडिया से वित्त में भारत की शीर्ष 100 महिलाएं।
 
रैंक धारक बी.कॉम (ऑनर्स) होने के अलावा, आप भारतीय कंपनी सचिवों (आईसीएसआई) की फेलो सदस्य, भारतीय बैंकर संस्थान (सीएआईआईबी) की प्रमाणीकृत एसोसिएट भी हैं, और आपने आईआईबीएफ से ट्रेजरी और एकीकृत जोखिम प्रबंधन में डिप्लोमा, वरिष्ठ प्रबंधन के लिए आईटी और साइबर सुरक्षा में सर्टिफिकेट प्रोग्राम - आईडीआरबीटी, और आईआईएम बैंगलोर में बीबीबी द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के वरिष्ठ प्रबंधन के लिए नेतृत्व विकास कार्यक्रम किया हैं।
 

श्री सैमुअल जोसेफ जेबराज

  • उप प्रबंध निदेशक, उधार और परियोजना वित्त
श्री सैमुएल जोसेफ जेबराज ने दि. 6 अप्रैल, 2023 को राष्ट्रीय अवसंरचना वित्तपोषण और विकास बैंक (नैबफिड) में उधार और परियोजना वित्त के उप प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यग्रहण किया. नैबफिड में आने से पूर्व सितंबर, 2019 से अप्रैल, 2023 तक आप आईडीबीआई बैंक के बोर्ड में उप प्रबंध निदेशक थे. आईडीबीआई बैंक में आने से पूर्व आप एक्जिम बैंक में 21 सालों तक विभिन्न पदों पर और आखिर में मुख्य महाप्रबंधक के रूप में कार्यरत थें।
 
श्री सैमुएल को 31 वर्षों का विभिन्न तरह की बैंकिंग का अनुभव हैं. आप आईडीबीआई बैंक की टर्नअराउंड टीम का हिस्सा भी रहे हैं. पूर्ण कालिक निदेशक के रूप में आपने आईडीबीआई बैंक के बड़े और मिड कारपोरेट समूह, एनपीए प्रबंधन, व्यापार वित्त, ओवरसीज परिचालन, वित्त एवं लेखा, आईटी और डिजिटल बँकिंग, एमआईएस एवं मानव संसाधन की प्रत्यक्ष जिम्मेदारी निभाई हैं. आप आईडीबीआई कैपिटल मार्केटस लिमि. के बोर्ड पर भी थें तथा आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज़ लिमिटेड और आईडीबीआई म्यूचूअल फंड ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड के निदेशक बोर्ड के अध्यक्ष भी थें। 
एक्सिम बैंक की अपनी कार्यावधि के दौरान आप विभिन्न वर्टिकलों अर्थात कॉर्पोरेट बैंकिंग, एसएमई, कृषि निर्यात, ऋण वसूली, आईटी और एचआर के प्रभारी भी रहें. जून, 2014 और अक्टूबर, 2017 के बीच आप एक्सिम बैंक के मुख्य वित्त अधिकारी भी रहें. विभिन्न भूमिकाओं में आपने एक्सिम बैंक के बेंगलुरू, हैदराबाद, मिलान, लंदन और मुंबई के कार्यालयों में कार्य किया हैं।
 
एक्सिम बैंक के कुछेक कारपोरेट बोर्डों पर भी श्री सैमुएल ने मनोनीत निदेशक के रूप में कार्य किया हैं. आप बैंकिंग पर वित्त परियोजना, अवसंरचना वित्त, व्यापार वित्त आदि पर नियमित वक्तव्य भी देते हैं. आपने भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर भारत सरकार द्वारा स्थापित विभिन्न कार्य समूहों/टास्क फोर्सों की सदस्यता भी की हैं.
लंदन की कॉमन वेल्थ सेक्रेटरिएट, एक्सिम बैंक ऑफ नायजेरिया, श्रीलंका एक्स्पोर्टस, सऊदी एक्स्पोर्टस एजेंसी आदि के लिए विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय सलाहकारी कार्यभार की अगुवाई भी आपने की हैं।
 
श्री सैमुएल, मदुरै कामराज यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रानिक्स एवं कम्यूनिकेशन में इंजीनियर स्नातक (ऑनर्स) हैं और आपने बीआईएम, त्रिची से वित्त में एमबीए हैं।