हमारा इतिहास
भारत में दीर्घकालिक अवसंरचना के वित्तपोषण की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक समर्पित वित्तीय संस्थान की स्थापना की आवश्यकता को देश के सकल घरेलू उत्पाद विकास उद्देश्यों और उसी के प्रति अवसंरचना के विकास की भूमिका के मद्देनजर महसूस की गयी थी।
इस आवश्यकता के जवाब में, भारत में अवसंरचना के वित्तपोषण के दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शानेवाला राष्ट्रीय अवसंरचना वित्तपोषण और विकास बैंक अधिनियम, 2021 माननीय वित्त मंत्री द्वारा 22 मार्च, 2021 को प्रस्तुत किया गया था, जो कि कुछ दशकों के बाद देश में विकास वित्तीय संस्थानों (डीएफआई) की वापसी को दर्शाता है।
अधिनियम को तदनुषंगी दि. 28 मार्च, 2021 को राष्ट्रपति की सहमति मिली और दि.19 अप्रैल, 2021 से यह लागू हुआ. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने दि.8 मार्च, 2022 के अपने पत्र के माध्यम से सलाह दी है कि नैबफिड को आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 45 एल और 45 एन के तहत एक अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (एआईएफआई) के रूप में आरबीआई द्वारा विनियमित और पर्यवेक्षित किया जाएगा।